कृत्रिम नाइट्रोजन उर्वरक की बढ़ती कीमतों के कारण सरकारों को वैश्विक खाद्य संकट की चिंता सताने लगी। इसकासीधा संबंध प्राकृतिक गैस की कीमतों में उछाल से था। ठीक इसी वक्त एक नए शोध ने उजागर किया कि कृत्रिमनाइट्रोजन उर्वरक की जलवायु संकट को बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका है। वातावरण में फैल रहे दूषित ग्रीन हाउस गैसोंके 40 टन में से 1 टन का उत्सर्जन इसी से हो रहा है। इस समय संयुक्त राष्ट्र का 26वां जलवायु परिवर्तन शिखरसम्मेलन चल रहा है, यह सही समय है कि दुनिया भर में कृत्रिम नाइट्रोजन उर्वरक के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए औरअत्यावश्यक रूप से जीवाश्म ईंधन और रसायन रहित कृषि को अपनाया जाए।पूरा लेख आप यहाँ पढ़ सकते हैं